देवी की आज मुझ पर कृपा हो
मुझ पर ही नहीं
सब पर हो
हे देवी तू मुझे सुख देना तो
दुख भी देना
हर समय सुख की अपेक्षा करना तो खुदगर्जी होगी
दुख देना लेकिन
दुख को वहन करने की ताकत देना
तू मुझे अपनी तरह ही शक्तिशाली बना दे ओ मां
मैं पूर्ण रूप से नहीं तो
कुछ कुछ तेरी जैसी ही बन जाऊं
कभी किसी का अहित न करूं
हर किसी के सुख की कामना करूं
हर किसी को आशीर्वाद दूं
मां तू मेरा मन हमेशा
एक झरने की धार सा पवित्र रखना
मैं जिंदगी भर पुण्य के कार्य करूं
किसी पाप में भागीदार न बनूं
यह मेरे सिर पर अपना हाथ रखकर आशीष देना।