दोस्ती क्या है
यह कोई रिश्ता नहीं
रिश्ते से भी बढ़कर कुछ है
खुद की ही छवि देख रहे हों जैसे
किसी यादों के सितारों से
झिलमिलाते किसी दर्पण में
खुदा को तलाश रहे हो और
वह तलाश जैसे पूरी हो गई हो
यह जिंदगी के रास्ते ही तय करते रहना जिसके साथ अच्छा लगे और
मंजिल को हासिल करने की तलब छूट जाये
जिंदगी एक बोझ न लगे
एक चटके हुए खाली गिलास सी न लगे
एक खाली कैनवास सी भी न लगे
मस्ती के रंग इसमें भर जायें
कुछ मजेदार से
किस्से कहानियों के अहसास
जीने के अंदाज को एक दिलचस्प
तरीके से बरकरार रखने के लिए मिल जायें।