अकेलापन
अच्छा भी है और
बुरा भी
अच्छा है क्योंकि खुद के लिए
समय ही समय है
बुरा है क्योंकि कोई साथ नहीं है
लेकिन भीड़ में भी कहां कोई
किसी के साथ है
जीवन की एक कड़वी सच्चाई तो यही है लेकिन
सबसे बेहतर विकल्प और
एक सकारात्मक सोच यह है कि
यह जीवन जैसा भी मिला है
बेहतरीन है
इसका सदुपयोग हर पल करें
अपना कीमती वक्त बेकार की बातों को
सोच विचार कर व्यर्थ जाया न करें
किसी को साथ रखकर भी देख लेना
यहां भी समस्याएं कम न होंगी
एकांतवास देखा जाये तो
खुद को जानने के लिए,
दुनिया के रहस्यों को समझने के लिए और
बहुत सारे नये विचारों को मन मस्तिष्क के पटल पर पनपाने के लिए
अति उत्तम है।