मेरा तो वर्तमान भी
अतीत के साये में जीता है
अपने अतीत को मैं कैसे भुला दूं
एक बस वही तो है अब मेरे जीवन में बाकी जो
मुझे जीने का सहारा देता है
यह जाता हुआ पल भी तो
एक गुजरा हुआ पल बन गया
समय का क्या है
यह तो एक बहता दरिया है
जहां मैं ठहरी
वहां यह भी थम गया
वर्तमान के जो पल गुजर रहे हैं
उनमें मैं अतीत के ही रंग भरती हूं और
प्रसन्न रहती हूं
आने वाले पलों की मुझे चिन्ता नहीं
मैं जो पल मिलता जा रहा
उसमें खुश होकर जीती हूं लेकिन
अपनी भूली बिसरी अतीत की
खुशनुमा यादों को साथ लेकर ही।