ओ मेरे मन
मेरे दोस्त
कैसे हो तुम
जब कोई न पूछे तुम्हारा हाल तो
चलो मैं ही रख लेती हूं फिर तुम्हारा ख्याल
आज सुबह से मौसम सुहाना है
चलो कहीं घूमने चलते हैं
कहीं एकांत में बैठकर
हम दोनों आपस में ढेर सारी दिल की बातें करेंगे
फूल हमें देखकर कुछ और खिलेंगे और हंसेंगे
हम दोनों पर किसी बात की परवाह नहीं करेंगे
एक दूसरे में ही खोये रहेंगे और
एक दूसरे का चित्त शांत करेंगे।