हम दोनों को मिलती है जो प्रेरणा कहीं न कहीं से
मसलन प्रकृति से तो
हम दूसरों को भी प्रेरित करते हैं
सूरज और चांद की तरह लगते हों
इस दुनिया को बेशक तन्हा लेकिन
सूरज के प्रकाश और चांद की शीतलता सा ही
इस सृष्टि के कण कण को
अपनी ऊर्जावान गरिमा से लाभान्वित
करते हैं।