संयोग


0

मनुष्य के जीवन में

कितने ही कार्य ऐसे होते हैं जो

बिना संयोग के

पूर्ण नहीं हो पाते

फिर चाहे कोई कितने भी

यत्न क्यों न कर ले

देखा जाये तो

यह मात्र संयोग ही होता है कि

हम जीवन में क्या क्या

सरलता और सहजता से पाते हैं

हमारा इस संसार में

जन्म लेना

एक अच्छे मां बाप

घर परिवार

भाई बहन

अच्छे पड़ोसी, दोस्त, रिश्तेदार,

सहपाठी, जीवनसाथी

आदि का मिलना

सब संयोग है

संयोग से फूल कलियों सी खुशियां

किसी की झोली में न

गिरें तो

जीवन कठिनाइयों और

यातनाओं से भर

जायेगा लेकिन

समय रहते समझदारी इसी में है कि

जो मिला है

उसे ठुकराये नहीं

उसे सहजता से स्वीकार करें

उसे अपनायें

अपने जीवन में उतारें

उसके साथ ज्यादा

प्रयोग न करें

संयोग से एक बार

कहीं कोई बात बन जाये

कुछ मनचाहा प्राप्त हो जाये तो

उसकी कदर करें

दिलो जान से उसे प्यार करें

एक धर्म की तरह उसका

अनुसरण करें

एक बात गांठ बांध लें

संयोग से

कुछ अच्छा मिलना

बार बार नहीं होता।


Like it? Share with your friends!

0

0 Comments

Choose A Format
Story
Formatted Text with Embeds and Visuals