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मैं तुम्हें कहूं कान्हा या राम

हे कान्हा

मेरे सलोने कान्हा

इस जग में सबसे सुंदर

मेरे कान्हा

एक मनमोहक छवि के धनी

तुम कान्हा

मुरली बेजान

सजती जो तुम्हारे अधरों पर

पड़ जाती उसमें जान

मैं तुम्हारे प्रेम में दीवानी

नहीं जानती खुद का नाम

कोई कहे मीरा मुझे

कोई राधा

कोई यशोदा तो कोई गोपी

या बृजबाला

किसी भी नाम से करे कोई

संबोधित मुझे

मेरे पावन प्रेम जो है मेरा

तुम्हारे प्रति पर क्या फर्क

पड़ता है

मैं तुम्हें कहूं कान्हा या

राम

क्या फर्क पड़ता है।