जिंदगी की जंग में
बार बार भले ही
शिकस्त मिलती रहे लेकिन
खुद को मानसिक रूप से तैयार करके
इस लड़ाई को जारी रखने की कोशिश तो
लगातार करनी पड़ती है
हार होगी या जीत
यह सोचते रहे तो यह युद्ध लड़ ही नहीं पायेंगे
कितना हारेंगे
यह सोचता है मन कभी कभी
हारता है तो हारे लेकिन
कभी तो जीत का शुभ अवसर,
शुभ दिन, शुभ घड़ी भी अवश्य
देखने को मिलेगी
किसी लक्ष्य को पाने की कोशिश तो किसी मनुष्य को आजीवन
निरंतर रूप से करनी पड़ती है
बिना किसी फल की इच्छा किये
ऐसी सोच होने पर हार मिलने पर भी कोई अफसोस नहीं होता और
जीतने पर भी एक सामान्य सी
खुशी की अनुभूति होती है
लेकिन एक बात तो कोई गांठ
बांध ले कि
निरंतर प्रयास करते रहने से
एक दिन सफलता चाहे देर से
सही पर अवश्य हाथ लगती है
किसी की मेहनत कभी व्यर्थ
नहीं जाती
ऐसी कहावत भी है ना कि
मेहनत का फल हमेशा मीठा
होता है।