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मेरे मन के आकाश से

मेरे मन के आकाश से

उदासी के बादल छंटने ही वाले हैं

मेरे लबों पर मुस्कुराहट बिखरने ही वाली है

तुम जो आने वाले हो बरसते सावन की

प्रेम बरसाती रिमझिम फुहारों की तरह।