जब वह बोलती है तो
उसके मुंह से शब्द नहीं
एक सुगंधित फूलों की बौछार होती है
ऐसा लगता है कि
जैसे उसने अपने भीतर
एक फूलों के सुगंधित उपवन को
संजो के रखा हुआ है
जब भी जीवन में कठिनाइयों से
घिरा होता हूं
कांटो भरे रास्तों से गुजरता हुआ
सीधा उस फूलों की शहजादी के पास पहुंच जाता हूं
कोयल सी मीठी वाणी उसकी सुनकर
मन पुलकित हो जाता है
न रस भरे मीठे फल ग्रहण करने की इच्छा होती है
न चाशनी से मीठे ठंडे शरबत पीने की ही
दो सुगंधित बोल कोई बोल ले तो
प्यासी आत्मा सदियों के लिए
तृप्त हो जाती है।