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जुदा होकर

जिससे हो प्यार

वह हो जाये गर जुदा तो

उसकी याद सताती है वरना

इस बेरहम और जालिम दुनिया में कहां

किसी को किसी की याद आती है

मोहब्बत हो दिल में बसी और

जुदाई हो किस्मत में लिखी तो

उसका इंतजार एक पल नहीं

एक सदी नहीं

युगों तक कर लेंगे

वह न भी मिले तो भी

नाम उसी का लेंगे

याद उसी को करेंगे

इंतजार उसी का करेंगे

जुदाई की उन दर्दनाक घड़ियों में

उसे बेवफा कभी न कहेंगे

मोहब्बत करी थी गर

किसी से कभी

वफा का फूल हाथ में लेकर तो

न कभी बेवफाई करेंगे

न कभी जुदा होकर भी

उसे भूलेंगे

न कभी जुदा

होकर उसे रुसवा

करेंगे।