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ऐ मेरे गुलाब के फूल

ऐ मेरे गुलाब के फूल

आज तुम शराब में नहाये

कितने नशीले

थोड़े थोड़े शर्मीले

मखमली से

सुरमई से

शनील के एक फूल से लग रहे हो

यह तुम जमीन पर औंधे मुंह क्यों गिर पड़े हो

तुम्हें कहीं कोई चोट तो नहीं लगी

तुम्हारे अपने कांटों ने ही तो कहीं तुम्हारा बदन छलनी नहीं कर दिया

तुम जो नशे में हो तो

यह नशा किसी खुशी के जश्न को मना रहा है या

तुम गम में डूबे हो

गमगीन हो

तुम्हारे हालात कोई बहुत ठीक नहीं लग रहे

तुम्हारा साथ तुम्हारे अपने पत्ते या कांटे भी नहीं दे रहे

तुम्हें कोई नहीं बचा रहा

तुम्हें हर कोई फंसा रहा

तुम छूटना चाह रहे जैसे इन सबकी कैद से

इन सबका बदसूरत चेहरा तुमने देख लिया है

समय के दर्पण ने तुम्हें जो अब तक लगता था

एक सुंदर सपना

एक खूबसूरत सच

उससे तुम्हें रूबरू करा दिया है

तुम इस समय अपने जीवन के

शायद सबसे कठिन दौर से गुजर रहे हो

मरने और रोने जैसी हालत है तुम्हारी फिर भी

कितनी खूबसूरती से अपनी सुंदरता की मधुरता

बिखेरते चारों तरफ मुस्कुराते से ही दिख रहे हो।