एक पुण्य का काम


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मेरे मन के मन्दिर में रखे

दीपक का प्रकाश

कभी कभार

बीच बीच में

अनायास

बिना किसी कारण

बिना बात कम हो जाता है

मैं इस प्रकरण से बहुत चिन्तित हो

जाती हूं

हे प्रभु

इस दीपक की लौ को

ज्यों का त्यों अभी कुछ समय और

जलने देना

इस दीपक का उपयोग मुझे

करना है अन्य दीपकों को प्रकाशित

करने के लिए

यह एक पुण्य का काम है

इस दीपक की लौ का निरंतर

जलना तुम्हारे हाथ में है

हो सके तो इसे अभी जलने देना।


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