एक नई सुबह का आगाज


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हम दोनों के बीच

दूरी है बहुत

इसे पाटना है मुश्किल

मेरे मन में आज एक तमन्ना जगी कि

तेरे रंग में रंग जाऊं और

बाहों में तुझे भर लूं तो

मैंने तुझे दूर से ही

अपनी अंजुली में

एक पावन जल सा भर लिया और

पी लिया

तेरे अमृत का रस चख लिया

तूने मुझे कभी चाहा था कि नहीं

यह जानने की कोशिश किये बिना ही

तुझसे प्यार का एक तरफा इजहार कर

दिया

तेरी दुल्हन बन गई

तेरे अनूठे रंगो के आभूषणों से ही खुद का

श्रृंगार कर लिया

तेरे दर्पण में खुद के सौंदर्य को

निहार लिया

तेरी तरफ से हां है

यह मानकर मैंने तुझसे

जन्म जन्मांतर का रिश्ता

स्वीकार कर

एक नई जिंदगी

एक नया दिन

एक नई सुबह का आगाज कर

दिया।


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