in

इस जीवन की युद्ध भूमि में

जैसे तुम एक योद्धा हो

वैसे ही मैं भी एक शूरवीर हूं

इस दुनिया में ऐसा कौन है जो

अपने जीवन की लड़ाई

सच्चाई के साथ

डटकर दुश्मन का मुकाबला

करते हुए

न लड़ रहा हो

यूं तो किसी भी जंग से अंत में

कुछ हासिल नहीं होता

कोई जीतता भी है तो बहुत कुछ

खोकर

हारकर

पीछे बहुत कुछ छोड़ता हुआ लेकिन

जो कुछ सामने पड़ता जाये

इस जीवन की युद्ध भूमि में

उससे पीछे हटना भी तो

कायरता कहलायेगी।