एक दिल का मकान है जो


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उपवन है

उपवन में फूल है

फूल में खुशबू है

खुशबू में दर्पण है

दर्पण में चितवन है

चितवन में यादों की चिलमन है

चिलमन हटाओ तो तन्हाई है

एक कोने में बेसुरी सी पड़ी

नहीं बजती जो वह शहनाई है

एक दिल का मकान है जो

सदियों से है खाली,

बेबस और खामोश।


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