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वह खोया हुआ पत्र

एक खोया हुआ पत्र

मुझे मिला

जो मेरे लिए बड़े काम का

साबित हुआ

उसने कई राज उजागर किये

मेरी आंखों पर पड़े कई पर्दों को

हटा दिया

प्रेम की परिभाषायें भी

परिवर्तित होती हैं

समय की धारायें भी

मुड़ती हैं

दिशायें भी अपनी मंजिल

बदलती हैं

यह सब जाना मैंने

प्रेम के दावे खोखले होते हैं

प्रेम के वायदे झूठे होते हैं

प्रेम करने वाले सच्चे नहीं,

झूठे भी होते हैं

इस कड़वी सच्चाई को जाना

मैंने

वह खोया हुआ पत्र बीच रास्ते में

अपनी मंजिल तक न पहुंचकर

कहीं मुझ तक पहुंच गया

यह भी खुदा की मुझ पर

मेहर रही कि

मुझे एक झकझोर देने वाली

सच्चाई से समय रहते

रूबरू न चाहते हुए भी होना पड़ा

जो न सोचो होता पर जिंदगी में

वही है

पत्र की छोड़ो यहां तो

लोग मिलते हैं, बिछड़

जाते हैं खोये हुए पत्रों की तरह ही

फिर वह भी एक दिन जड़ से

हमेशा के लिए तुम्हारी जिंदगी के दृश्यपटल से मिट जाते हैं

आग लगाकर दुनिया में

तुम्हारी

एक धुएं के गुबार से ही

हवाओं में घुलते

आसमान में ऊंचे उठते

एक पतली होती लकीर से ही कहीं अंततः खो जाते हैं।