इस घड़ी को देखकर लगता है कि


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कई बार

इस घड़ी को देखकर लगता है कि

जैसे मैं भी किसी गुजरे हुए एक पल की 

कोई भूली बिसरी हुई कहानी सी हूं

समय की धारा के साथ

मैं भी तो उसी की रफ्तार में

ताल से ताल मिलाती कभी बही थी उसके साथ

आज उसकी रफ्तार धीमी हो गई है तो

मुझे लगता है कि मेरी भी

एक दिन वह रुक जायेगी और

मैं भी

घड़ी में नया सेल पड़ जायेगा या

उसकी जो हो जायेगी

सही प्रकार से मरम्मत तो वह तो चल जायेगी लेकिन

मैं जो कभी रुक गई

मेरी सांसों की रफ्तार जो एक रोज कहीं

थम गई

मेरी जिंदगी की गाड़ी जो

एक पड़ाव पर आकर रुक गई तो

फिर दुनिया की कोई ताकत उसे

उसके जीवित घड़ी से ही

टिक टिक चलते हुए रूप में वापिस

नहीं ला पायेगी।


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