सूरज ने लगता है जैसे खुद को प्रेरित किया कि
सुबह मुझे उठना है और इस संसार में अपना उजियारा बिखेरना है
मुझे भी ठीक वैसा ही कुछ करना है
खुद को ही प्रेरित करना है
सुबह सवेरे इस सूरज के साथ ही उठना है,
जगना है,
बिस्तर को छोड़ना है और
खुद को प्रेरित करते हुए
नित्य-नैमित्तिक काम्य कर्मों के सम्पादन में जुटना है।