करीब आयी मैं जितना
अपनों के
उन्हें उतना ही पराया पाया
अफसोस रहेगा मरते दम तक कि
ऐसे नासाजों को मैंने क्या सोचकर था अपने गले लगाया
अपने हृदय में बसाया
अपने दिल में बिठाया
मैं बेशक कितनी भी अच्छी क्यों न हूं
इनका काम है हर किसी को बदनाम करना
उसकी बुराई करना
उसके बारे में भ्रम पैदा करना
अफवाहें फैलाना
उसे गलत साबित करना
एक फूल सी कोमल थी मैं
क्या सोचकर मैंने अपने तन,
मन और आत्मा पर
इनके रौद्र रूप का बिना बात के
बुलडोजर चलवाया।