करीब हैं
तभी तो दूर हैं
इस दुनिया में
ऐसे न जाने कितने लोग हैं
जिनसे हम हैं बिल्कुल अनजान
देखा जाये
न हम उन्हें जानते
तभी तो
न हम उनके करीब और
न ही उनसे दूर हैं
जिसे दिल से अपना मानते हैं
उसी पर तो नाराज होने का भी
सबसे ज्यादा हक रखते हैं
मनमुटाव भी जरूरी है लेकिन
बस यह हो कुछ समय के लिए
तकरार जब भी हो तो
प्यार को पहले से और बढ़ाये
गहराये और
हमें परिपक्व बनाये
यह दरार ऐसा न हो कि
बरसों पुराने एक प्यार भरे रिश्ते के घर को ही
कहीं तोड़ जाये।