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निकम्मेपन की इंतेहा

कुछ लोगों के

निकम्मेपन की

इंतेहा होती है

उनकी आंखों में

एक बाल के बराबर भी

शर्म नहीं होती

अपने अच्छे समय में

अपने घर वालों तक को

पूछते नहीं

बुरा समय पड़ने पर शायद

यह जतायें कि

उनके घर वालों से बढ़कर जैसे

उनका कोई सगा कभी था ही नहीं।