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दिल में मेरे जो आता है

दिल में मेरे जो आता है

मैं उसी वक्त कलम से उसे

कागज पर उतारती क्यों नहीं

बाद में परेशान होती रहती हूं

इस बात को लेकर कि

क्या सोच रही थी मैं आखिरकार

पर जो  खयालात जेहन से उतर गये

उन्हें वापिस पकड़ पाती नहीं।