कोई झरना
कहीं मिल भी जाये
जो हो जादुई
जिसके पानी को पीने मात्र से या
उसमें नहाने से हो जाता हो कोई
युवा सदा के लिए तो
ऐसा संभव हो सकने पर भी
मैं ऐसा प्रयोग नहीं करना चाहूंगी
तन चाहे बूढ़ा हो जाये लेकिन
मैं मन से तो सदा जवां हूं
तन की सुंदरता मेरे लिए कोई
महत्व रखती भी नहीं
आत्मा मेरी सदैव एक फूल सी
खिली और महकती रहती है
मेरे लिए इतना ही काफी है
दुनिया मुझे किस नजरिये से
देखती है
उसका मेरे ऊपर रत्ती भर भी
असर नहीं है
मैं भगवान की बनाई
एक सुंदर कृति हूं और
खुद से पूर्णतया संतुष्ट
यौवन को चिरस्थाई बनाये
रखने के लिए और
इस दुनिया के लोगों को प्रभावित करने के लिए
उस पौराणिक झरने में नहाने या
उसका पानी पीने का जोखिम
भला मैं क्यों उठाऊं।