मैं भी तो हूं
एक बंजारन
एक बंजर भूमि सी ही
मैं क्यों न रह लूं
बंजर भूमि की पृष्ठभूमि में ही
कहीं जाकर
जैसी मैं हूं
वैसा ही अपने आसपास से भी
पा लूं
बंजर भूमि पर जो उगती हो
वनस्पति
उस जैसा बीज ही कहीं
मैं अपने भीतर उपजा लूं
एक हरा भरा पेड़ नहीं भी उगेगा
तो कोई जीवन तो होगा
जो थोड़ा बहुत ही सही पर
मेरी कोख से उपजेगा और
मेरा कहलायेगा
शायद कभी मेरा होगा।