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मुझे जीना कब आयेगा

मुझे जीना कब आयेगा

सदियां गुजर गई

एक जमाना बीत गया

यह वक्त ठहर गया

मैं भी रुक गई

खामोश हो गई

थोड़ा बहुत कुछ मुंह से बोल लेती थी

वह कहना भी भूल गई

समय के साथ मैं खुद का नाम भूल गई

अपने घर का पता भूल गई

यह जिंदगी जो मुझे कभी रास आई थी

उससे भी मुंह मोड़ गई।