होली का यह महीना
छाया दिल पर मस्ती का खुमार
मन रंग लिया
सपनों के धरातल पर खड़े होकर
होली के दिन
तन पर कर लूंगी
रंगों की बौछार
खुद को भिगोना है
सामने जो पड़े
उसे भिगोना है
बुरा न मानना
उस दिन कोई
होली के त्योहार का
मतलब ही
रंगों से खुद नहाना और
दूसरों को उनमें सराबोर
करना है
इस होली
रचायेंगे रासलीला
तुम बनना कृष्ण
मैं बन जाऊंगी तुम्हारी राधा
गोपियों के संग खूब नाचेंगे
होली के गीत गायेंगे
सबके गालों पर
मल मल कर गुलाल लगायेंगे
स्वादिष्ट पकवान भी
भर भर खायेंगे
हर गम भुलायेंगे
सारी दुश्मनी भुलाकर
सबको हंसते हुए
एक दोस्त सा गले लगायेंगे।