ऐ मन
जरा खुलकर
आज बता ही दे तू मुझे कि
क्या मैं जीवन में
कुछ बड़ा पाने की महत्वाकांक्षा रखती हूं
जोरों से बोल ना
मैं तुझे सुन नहीं पा रही हूं
‘हां’ कह रहा है या ‘नहीं’ या है
असमंजस की स्थिति में
तेरी तरह मेरी मनोस्थिति भी
यही है
मैं तो बस इतना जानती हूं कि
कोई राह मिल जाये तो उस पर
आगे बढ़ते चलो
एक सामान्य जीवन जी लेना भी
क्या कम सफलता है
यह बात किसी को तब तक समझ नहीं आती
जब तक कुछ बहुत असामान्य खुद के साथ
घटित न हो जाये
जीवन में सपने देखना
कुछ हासिल करने की इच्छा रखना
अपनी मंजिल को साकार रूप से पाना
इन सब में कुछ बुरा नहीं
प्रयत्नशील निरंतर रहे कोई लेकिन
कोई ख्वाब पूरा न होने पर
हताश और टूटा हुआ
कभी खुद को न होने दें
यह वादा लेकर
कोई अभिलाषा को पाने की
इच्छा मन में पाल लें तो
इसमें कोई हर्ज नहीं।