शिक्षा, विकास, दुनिया से जुड़ाव जो पहुंचा
अपने गांव तक तो
दौड़ी लबों पर एक खुशी की लहर
चेहरे फूलों से खिल गये
अंधकार में जो उदित हुआ
एक नई सुबह उपहार स्वरूप लाता
सूरज के साथ शुरू हुआ एक नया सफर
मंजिल इसकी रोशनी भरी ही होगी
जीवन में अब बहार खिलेगी
कहीं से कोई कमी न होगी
हर नई जानकारी से अब अवगत
होंगे हम
कामयाबी के कदम चूमने में अब
सक्षम होंगे हम
मिट्टी के सौंधी खुशबू फैलेगी
अब चारों दिशाओं में
ज्ञान की बारिश होगी हर सू
हर पल, हर हाल में
वंचित नहीं रहेंगे हम
गांव के बच्चे अब जुड़ेंगे सब
जीवन के विकास की मुख्य धारा से
किसी पर आश्रित नहीं
निर्भीक, निडर और आत्मनिर्भर
बनेंगे हम भारत के बाल सब।