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रोशनी के झरने में

निराशा भरी बातें न करो

मुझसे कि

मुझे घुटन सी होती है

आशा की कोई एक किरण तो

लहराओ

मेरी आंखों के दर्पण के समक्ष कि

रोशनी के झरने में नहा लूं

यह तलब अक्सर होती है मुझे।