कहीं कुछ न कुछ तो
बहुत गलत घटित हो रहा है
मेरे साथ
उसका व्यवहार अनुचित है
अमानवीय है
अप्राकृतिक है
मन को ठेस पहुंचाता है
दिल को झकझोरता है
दिल की धड़कने बढ़ जाती हैं और
दिल को टुकड़ा टुकड़ा तोड़ता है
बुरे व्यवहार से तो बेहतर है कि
कोई खामोश ही हो जाये
लेकिन खुद खामोश होने से
दूसरे को हमेशा के लिए
खामोश कैसे कर पायेगा
जो है उसके जीवन का अंतिम उद्देश्य
अपने लाभ के लिए
दूसरों को हानि पहुंचाना
यह कैसी मानसिकता है
अपराध बोध से मन ग्रसित
नहीं होता ऐसे लोगों का
मनुष्य हिंसक होता जा रहा है
आज के समय में
उसे चाहिए कि मनुष्य सा
नहीं तो कम से कम
एक पशु की तरह ही
आचरण और व्यवहार
करना सीख ले।