एक लता पर
एक पत्ते सी झूल जाऊं मैं
तू जमीन पर खड़ा जो दिखे तो
आसमान से उतरकर
जमीन पर झुककर
तुझसे मिलने आऊं मैं
तू भी आगे बढ़कर
मेरा हाथ पकड़कर
मुझे जो पहचान लेगा तो
मुझे अच्छा लगेगा
दिल में मेरे जो जल रहा है
तेरी मोहब्बत का दिया
एक उम्मीद भरा
वह तो कम से कम
लाख आंधियां आयें पर
नहीं बुझेगा।