एक फोटो एल्बम में
फोटो ही नहीं
अतीत की यादें कैद होती हैं
जब भी इसे अलमारी के
खाने के एक कोने में से
निकाल कर पलटो तो
तस्वीरें जीवंत हो उठती हैं
एक चलचित्र की भांति
आंखों के आगे चलने लगती हैं
ऐसा लगता है जैसे कि
समय का पहिया फिर से
पीछे की तरफ लौट गया हो
ऐसा लगता है कि
सब कुछ एक फोटो एल्बम की
तरह ही
कहीं दिल की एल्बम में भी
कैद है
ऐसा अहसास क्या
खुद को आखिरी सांस तक
जिंदा रखने के
लिए काफी नहीं है।