दिल में
उमड़ रहे ख्यालों को
उतारना है
एक कागज के टुकड़े पर
कलम की स्याही से
फूल उसमे प्रेम का फिर कोई
रखकर
लिफाफे में डाल भेज देना है उसे
एक अनजान सफर पर
मोहब्बत की कहानी
साथ लिए
उसका घर मिलता है या नहीं
पता ढूंढ पाता है या कि नहीं
मंजिल जानी पहचानी सी हासिल
कर पाता है या नहीं
यह तो इसे, उसे या
किसी को नहीं पता
मंजिल तक पहुंच कर भी
मोहब्बत उसके दिल में है या
नहीं
इस बात का पता पर
प्रेम के गुलदस्ते के
आखिरी फूल के मुरझाने तक भी
मोहब्बत करने वाले किसी दिल को
पता न पड़ा।