मैं इस जमीन का
चांद का एक टुकड़ा
मेरी दोस्ती आसमान के
चांद सितारों से
इस कुदरत के हसीन नजारों से
तन में दहकते अंगारों से
मन में सुलगते ख्यालों से
आसमान से टूटकर गिरते और
जमीन पर बिखरते सितारों से
हर सू लहकते लश्कारों से
इधर उधर भंवरों से मंडराते
शरारों से
झरनों के मुख से फूटते
जल के भंडारों से
इस जमीन की गर्त में समाते
दिल की मिट्टी की कब्र में ही दबे पड़े रहस्यों की जिंदा
मजारों से।