जंगल में
सुना था कि
सन्नाटा पसरा होता है
इसके हर कोने में
मुझे तो जंगल कॉटेज में
रुक कर
ऐसा अनुभव बिल्कुल नहीं हुआ
वहां तो दिन में क्या
रात को भी इतना शोर होता है कि
कोई कितना भी थका हो पर
एक पल को भी अपनी आंखों की
पलकें बंद करके सो नहीं सकता
पक्षियों का कलरव
जीव जंतुओं की निरंतर वार्तालाप
हवाओं का पेड़ के पत्तों से
टकराना
पत्तों का सन्न सन्न करके
बेतहाशा शोर मचाना
ऐसे में तो लगता है कि
किसी को याद करके
जोर जोर से गाना ही गा लिया
जाये या
तेज आवाज में अपनी पसंद का कोई संगीत सुना जाये
मेरी आवाज का शोर बस
मेरे कानों में रस घोलेगा
जंगल में मंगल होगा
यहां हर कोई वक्ता होगा
दिल खोलकर हर कोई अपनी
बात कहेगा
कोई न अच्छा श्रोता होगा लेकिन
अपने रंग में पूर्ण रुप से घुलने का
हर किसी के पास मौका होगा।