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बहन होती है एक रेशम की डोर

मां बाप का

इस दुनिया में

सर्वोच्च स्थान

तत्पश्चात बहन

फिर भाई बशर्ते अच्छा हो

बहन के लेकिन भाई से अधिक

बहन ही काम आती है

बड़ी बहन तो एक मां, एक सखी,

एक शुभचिंतक

ऐसी न जाने कितनी ही

भूमिकायें निभाती है

बहन तो होती है

एक रेशम की डोर

जिसका बंधन होता है मजबूत

और उसमें बंधी एक प्रेम की

सम्पूर्ण सृष्टि की झलक नजर आती है

बहन तो प्रेम का एक जीता

जागता संसार है

प्रेम का प्रतीक कोई चिन्ह

या भेंट कभी देनी है तो

अपनी बहन को दो

रक्षा बंधन पर रेशम की

डोर बांधो तो अपनी बहन की

कलाई पर

प्यार की सौगात लिए

क्या आवश्यक है कि इसे

केवल भाई की कलाई पर ही

सजाया जाये

बहन कर्तव्यनिष्ठता में या

घर की जिम्मेदारी निभाने में

कहां भाई से कम है तो

यह सौभाग्य बहन को भी क्यों न

प्राप्त हो

कोई बेटी भी किसी के घर परिवार का

बेटा और

कोई बहन अपनी बहन की सिर्फ

बहन क्यों

एक भाई क्यों न हो।