कभी कभार खामोश होने में
कोई बुराई नहीं लेकिन
एक लंबी खामोशी को
इख्तियार करके
उसे अपने जीवन में उतार लेना
उसे अपने जीने का अंदाज बना लेना
अपने लबों को सिलकर कुछ न कहना
कोई अच्छी बात नहीं
तन्हा हो
कोई साथ नहीं
कोई दुख दर्द बांटने वाला,
कोई बातचीत करने वाला नहीं
कोई साथ चलने वाला नहीं
नहीं है तो क्या हुआ
खुद के हमसफर बनो
एक सुरीला सा कोई साज उठाओ
उसे बजाओ
उसके साथ सुर से सुर मिलाकर
कोई सुंदर सा गीत गाओ और
इस खामोशी को तोड़ो
इस खामोश माहौल की कैद से
खुद को छुड़ाओ
इससे बाहर निकलकर आओ
खामोश देखो जो
किसी को भी तो
उसे बोलना सिखाओ
हंसना सिखाओ
जिन्दगी को जीना सिखाओ
घर की एक खामोश दीवार से
बनकर कहीं एक कोने में
ताड़ के पेड़ से बस
सीधे न खड़े हो जाओ
पेड़ के पत्तों की तरह या
रसोईघर में गिरते पड़ते
बर्तनों की तरह ही
खड़क जाओ
खटक जाओ
खामोशी तोड़ो और
शोर मचाओ।