खालीपन होता क्या है
मन को एकाएक
यह अहसास होना कि
मेरा मूल्य शून्य है
मेरा महत्व कुछ भी नहीं है
मैं इस संसार में रहकर कर ही क्या
रहा हूं
मेरा योगदान क्या है
मेरे अस्तित्व की अहमियत क्या है
मेरे को कोई प्यार नहीं करता
मुझे हर कोई अपमानित करता है
मेरे को कहीं कोई महत्वपूर्ण स्थान नहीं
दिया जाता
मेरी अवहेलना की जाती है
मैं जीवन की दौड़ में बहुत पीछे हूं
मेरे विचारों का समर्थन कोई नहीं करता
मुझे कोई सहयोग नहीं देता
वगैरह वगैरह वगैरह
यह सब नकारात्मक सोच नहीं है बल्कि
एक कड़वा सच है जो
हर व्यक्ति को जीवन के किसी न
किसी मोड़ पर
सामने पड़ने पर
झकझोर कर रख देता है
यूं तो वह जूझता रहता है
इन सब त्रासदियों से लेकिन
कई बार वह कुछ समय के लिए सही पर
हार का अनुभव करता है
उसे थकान महसूस होती है
दिल और जिस्म दोनों टूटे हुए
उसे लगता है कि
जैसे उसे किसी ने पहाड़ से नीचे की तरफ
धकेल दिया हो
उसके हाथ पांव ढीले पड़ जाते हैं
वह नाउम्मीदी का दामन थाम लेता है
जिन्दगी से नाराज हो जाता है
उसकी शिकायतें अनगिनत होती हैं
कई बार तो उसका खालीपन उसे
इतना सताता है
परेशान करता है और
तड़पाता है कि
वह अपनी जिन्दगी को ही
खत्म करने का फैसला ले बैठता है
लेकिन
क्या यह सही है
‘नहीं’ यह बिल्कुल सही नहीं है क्योंकि
जो भी कुछ घटित हो रहा है
वह स्थाई नहीं है
समय के प्रवाह में सब बहता
हुआ एक बिन्दु पर सामान्य हो
जाता है
दुख नहीं होगा जीवन में तो
सुख का अहसास भी भला कैसे
होगा
एक बर्तन में पानी भरा है
वह खाली नहीं होगा तो
उसमें दोबारा ताजा पानी फिर
कैसे भरेगा
यूं तो समुन्दर कभी सूखा
नहीं करते पर
भरे होने पर भी
वह कहीं न कहीं से
कभी न कभी खाली तो
अवश्य ही होते हैं
यह अलग बात है कि
उनके खालीपन को देखने के लिए
किसी के पास आंख नहीं और
कोई उनके खालीपन को
विस्तार पूर्वक जानना भी नहीं चाहता
मन का कोई भी कोना
पल भर को भी जो हो खाली तो
उसे तत्काल ही भरें
पुरानी यादों से
सुहानी चांदनी रातों से
दिन के उजालों से
फूलों की बहारों से
गुनगुनी धूप से
चांदनी की भोर से
चंदन की खुशबू से
प्रियतम के प्रेम भरे राग से
भगवान के आशीर्वाद से
सुर लहरियों की ताल से
इस जीवन में बहुत कुछ है
पाने को
खाली जो हो पैमाना
उसे भरता जा जाम से
प्रेम भरे पैगाम से
जमाने के हजार रंगों के
अफसाने के दिलकश अंदाज से
कोई जो तेरे साथ न हो तो
खुद उठ
खुद चल
खालीपन को बिसराकर
खुद में खुदा को बसाकर
खुद की परछाइयों का काफिला संग अपने लेकर
खुद को सम्भालकर
खालीपन को भरकर
खुदा को खुद के खालीपन में भरा हुआ पूरा पाकर।