मैं पतझड़ हूं
मैं जा रहा हूं
तू बहार है
तू आ रही है
मैं रंगहीन हूं
श्वेत श्याम
एक धुंधली तस्वीर सा दिखता हूं
तू फूलों का एक महकता गुलिस्तां है
तेरे रंग चटक, शोख और
चमकीले हैं
तू मेरे ही शरीर का एक अंग है
मेरे दिल का टुकड़ा है
मेरी आत्मा का दर्पण
तू मेरे डूबती आवाज की ही कोई
गूंज है
तू मेरी आंखों में बसी एक सौंदर्य की
प्रतिमा है
तू मेरे ही द्वारा रोपा हुआ
एक बीज
मेरे ही घर की मिट्टी से
उगता एक कोमल पौधा है
उससे फूटता एक कोपल है
उसकी टहनी पे झूलती एक नन्ही कली है
तू मेरे अंधकार में उजाला करती
एक प्रकाश की किरण है
तुझे देखकर ही मैं जीता हूं
तू न हो तो मेरा यह जीवन वीरान है
तू इतनी छोटी है कि
तुझे मालूम नहीं कि
तू मेरी जान है
तू मेरी सांसों की सरगम है
जीने की उम्मीद है
जीने की राह है
जीने की ही मंजिल है।