हे प्रभु
आपके आशीर्वाद का ही यह असर है कि
मैं आज की सुबह के उगते सूरज को देख पाई हूं
यह तो आप मुझसे बेहतर जानते हैं कि
अब इस संसार में मेरा आपके सिवाय कोई नहीं है
अपने मां बाप में मुझे आपकी छवि दिखती थी पर
अब तो वह दोनों भी मेरे बीच नहीं
मेरे समीप नहीं
मेरे हबीब नहीं
अब तो हे ईश्वर बस आपका ही सहारा है
आपके आसरे ही हूं
आपका आशीर्वाद मेरे सिर पर बस अब
बना रहे तो यह जीवन रूपी मेरी नैया पार लग
जाये
हे मेरे मालिक
मेरे परमपिता
मेरे अति पूजनीय
अपनी दया मेरे पर बरसाते रहना
अपनी छत्रछाया में मुझे फूलों सा महफूज रखना
अपने आशीर्वाद के फूल की महक से सदैव
मेरे जीवन की बहार को खिलाते रहना।