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समाज के नाम पर

समाज

हम लोगों से ही मिलकर बना है

यह अच्छा है या बुरा है

जो भी है लेकिन

इसे अनदेखा नहीं किया जा सकता

इससे अलग थलग होकर

इसकी धारा के विपरीत नहीं बहा जा सकता

समय के साथ

समाज प्रगतिशील हो रहा है

धीरे धीरे इसमें परिवर्तन हो रहा है

जो आने वाले समय में

समाज के प्रत्येक वर्ग के लिए

लाभकारी सिद्ध हो सकता है

समाज में लोगों को यह कोशिश

करनी चाहिए कि

अपनी सोच को अच्छे कार्यों में

लगायें

सबकी भलाई करें

सबको आगे बढ़ायें

सबको यथासंभव सहयोग प्रदान करें

सबका उत्थान करें

समाज के नाम पर

किसी का बुरा न करें

किसी को हानि न पहुंचायें

किसी की अनदेखी न करें

किसी से बुरा व्यवहार न करें

किसी को मौत के घाट न उतारें

संयम से काम लें

हर किसी की बात को

ध्यानपूर्वक सुनें

किसी की हर समय काट न करें

विरोध न करें

किसी से ईर्ष्या द्वेष न करें

दिल पर हाथ रखकर

प्रभु का स्मरण कर ही

इंसानियत से भरा एक दृष्टिकोण

रखते हुए न्याय पूर्वक फैसले करें

कुछ भी करें पर

किसी की हत्या न करें

उस पर आक्रमण न करें

उससे अभद्र भाषा का प्रयोग न करें

उससे मार पीटाई या हाथापाई न करें

कोई जघन्य अपराध न करें

स्वयं को दूसरे की जगह

रखकर देखें फिर

सोचें और आवश्यकतानुसार

उचित कार्यवाही करें

बिना बात हर समय समाज के

ठेकेदार न बनें

गर बनना है तो उचित

दिशा में अनुचित

व्यवहार न करते हुए अपने निर्णय जो

सामाजिक हित में हों उन्हें सबके समक्ष लायें।