युद्ध
जहां देखो
वहां युद्ध ही युद्ध
अंतर्मन में युद्ध
घर में युद्ध
देश के अंदर युद्ध
देश की सीमाओं पर युद्ध
देश के भीतर राज्यों में, प्रांतों में,
शहरों में, कस्बों में, मोहल्लों में युद्ध
जंगल में युद्ध, खेतों में युद्ध
सड़क पर युद्ध, गलियों में युद्ध
होटल में युद्ध, रेस्टोरेंट में युद्ध, खाने के ढाबों में युद्ध
दुकानों में युद्ध, कारखानों में युद्ध, इमारतों में युद्ध
वाहनों जैसे कि हवाई जहाज, पानी का जहाज, टैक्सी स्टैंड, रेलगाड़ी, बस आदि में युद्ध
चाय की दुकान, पान की दुकान, मिठाई की दुकान,
मसाले की दुकान, नाई की दुकान, दवाई की दुकान
अस्पताल, नर्सिंग होम
शादी समारोह, किसी फंक्शन का स्थल
यानी सब जगह युद्ध
दो देशों के बीच युद्ध
दो से अधिक देशों के बीच तनाव और युद्ध
समयावधि का कुछ पता नहीं
एक बार युद्ध छिड़ा तो कब तक
थम पायेगा
इसका किसी को कुछ पता नहीं
युद्ध कैसा भी हो
कहीं भी हो और
उसका चाहे कोई भी स्तर हो
होता है आखिर में
विनाशकारी ही
युद्ध से
मोहब्बत के अहसास का
भाव न होने से
नफरत की आग के भड़कने से
न जाने कितने ही विकारों से
जैसे अपनी ताकत को बढ़ाने की
तीव्र इच्छा का होना
कमजोर का पतन कर
अपनी शक्ति को बढ़ाना
अपनी ताकत का अनुचित
प्रयोग करना
ऐसे न जाने कितने ही
अनगिनत मानसिक विकारों की देन
होता है युद्ध
अपनी जिद को पूरी करने की
चाह में न जाने कितने ही
मासूम लोगों की बलि
चढ़ाई जाती है
कितनी तबाही मचाई जाती है
कितने अमानवीय खेल खेले
जाते हैं
कितने ही घरों को, इमारतों को,
संसाधनों को क्षतिग्रस्त किया
जाता है
उनकी सुंदरता को पूर्णतया
नष्ट करके एक अधजले
या पूरे जले हुए वीरान जंगल की शक्ल में
तब्दील कर दिया जाता है
युद्ध को समाप्त करो
संपूर्ण विश्व में शांति की स्थापना
करो
दिल से विष के पेड़ को
जड़ से उखाड़ फेंको और
प्रेम के बीज को बोकर
एक प्यार
की नई पौध
विकसित करो
हर दिल में एक मोहब्बत का चमन
अमन चैन की पताका को लहराता हुआ बसाओ
न कि नफरत की आग का।