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मेरे भाई बहिन

मेरे एक भाई है और

एक बहिन भी

दोनों मुझसे छोटे हैं और

मेरे बिल्कुल अपने और

सगे लेकिन

मैं उनके लिए कितनी अपनी हूं

यह मैं अब तक समझ नहीं पाई

मेरे प्यार में कहीं कोई मिलावट नहीं है

न कोई परायापन

न ही बुरा व्यवहार लेकिन

जितना मैंने सारी उम्र किया

उतना बदले में लेश मात्र भी न पाया

व्यवहार कोई बहुत अच्छा न किया

जाये तो थोड़ा बहुत तो ठीक होना ही

चाहिए

ऐसा एक लंबे समय तक चलता रहे

और कहीं कोई सुधार न दिखे तो

रिश्तों में कुछ तो खींचातानी

शुरू हो ही जाती है

कुछ मामलों में तो वह ठीक भी

हैं लेकिन

व्यवहार में मधुरता का अभाव है

जैसा समाज में उनका आचरण है

वैसा परिवार में कर लें तो

कुछ तो माहौल सुधरे

परिवार भी समाज का ही एक

अंग है

एक ही मां बाप के पेट से जन्मे

हर बच्चे का व्यवहार और

आचरण फर्क होता है

व्यवहार चाहे घर हो या

समाज

ऐसा करने की कोशिश करें कि

सामने वाला उसे पचा पाये

अन्यथा एक तरफा रिश्ता

दूसरी तरफ से कोई सहयोग न

मिलने पर कोई कैसे चला

सकता है।