इंतजार है
मुझे
अपने बिछड़े हुओं से
दोबारा मिलने का
जो कि देखा जाये तो
असंभव है क्योंकि
वह किसी मेले की भीड़ में
नहीं बिछड़े हैं या
हाथ छुड़ाकर
कहीं बीच रास्ते छूट गये हैं
वह तो जिंदगी के सफर में
मौत के गले लग चुके हैं लेकिन
मौत के बाद का सफर उनका
क्या होगा
यह मेरे लिए अभी भी एक रहस्य
बना हुआ है
इंतजार तो है मुझे
अभी भी उनका
मेरी दिली तमन्ना है कि
मुझे उन जैसी शक्ल का कोई
दिख जाये
उनकी जैसी आवाज थी
वैसी आवाज मेरे कानों में
पड़े
उन जैसी बातचीत का अंदाज हो
उन जैसी किसी की आदतें हो
संस्कार हो
मतलब कहना मैं यह चाह रही हूं कि
चाहे वो नहीं हो लेकिन
उनकी कहीं से
उनसे मिलती जुलती एक झलक
देखने को मिल जाये
बस मेरा अब तो यही इकलौता एक आखिरी इंतजार है
देखें यह कब पूरा होगा होता है।