चारों तरफ नजर घुमाकर
देखती हूं तो
पाती हूं कि
ऐसा कौन है
इस दुनिया में
जो अपने अपने जीवन यापन के लिए
अपने अपने तरीके से
संघर्ष न कर रहा हो
यह जीवन भी
एक युद्ध का मैदान ही है
रोज एक नये सिरे से
एक नई सोच से और
एक नई तैयारी से
इसमें उतरना होता है
तब कहीं जाकर
शाम को पेट भर रोटी और
रात को सोने के लिए
एक चैन भरी नींद
मिल पाती है
कुछ लोगों का भाग्य तो
यहां भी साथ नहीं देता
उन्हें अपना पेट भरने के
लिए और
एक घर
एक बिस्तर और
अच्छी नींद आ जाये
इसके लिए भी
न जाने कितना संघर्ष
करना पड़ता है
जीवन भर
एक मनुष्य
इसी कोशिश में
लगा रहता है कि
उसकी जीवन रूपी बगिया
फूलों से महकती रहे
फूलों की जगह
नागफनी के तन पर चुभते
कांटो को देखकर
फिर मन संकल्प लेता है
और एक बार फिर
संघर्ष करता है कि
उसका जीवन सुखमयी
बने
निराशा हाथ लगने पर या
मन मुताबिक नतीजा न
मिलने पर
वह संघर्ष करता रहता है
संघर्ष करने का बीड़ा उठाता
रहता है
संघर्ष करने का संकल्प भरता
रहता है
संघर्ष तो है एक साधना
एक तपस्या
एक जीवन जीने की कला
संघर्ष लगातार
आखिरी सांस तक
करता है तो
इसके बदले में
कुछ तो खुद को और
अपने जीवन को
दे पाता है और
साध पाता है।