किसी खास अवसर पर
बाजार जाकर
किसी दुकान से
मेरे लिए कोई उपहार मत लाओ
कुछ करना चाहते हो मेरे लिए तो बस
इतना भर कर दो कि
मेरे से अच्छा नहीं तो
कम से कम
बिना किसी कारण
बुरा व्यवहार तो मत करो
मेरी मानसिक शांति बनी रहे
मेरा भरोसा बना रहे
मेरा हौसला बना रहे
मैं तो बस इतना भर ही
चाहती हूं
इससे अधिक कुछ नहीं
व्यवहार दिल को छूता न
हो और
महंगे उपहार कभी
साल में एक आधी बार
देने से
खानापूर्ति भर कर देने से
रिश्ते नहीं चलते
उपहार छोटा हो या बड़ा हो पर
दिल से दिया जाये और
दिल खुश कर दे
दिल में कोई जगह बनाये तो ही
उसका महत्व है
अन्यथा नहीं
बात एक कील सी तो चुभेगी पर
मैं हमेशा सच ही कहती हूं
प्यार का गर लगेगा मुझे
अभाव तो
मैं तो किसी का
सोने चांदी हीरे जवाहरात का भी
हो गर कोई उपहार
उसे सच मानिये
कभी खोलूंगी भी नहीं
खोलना तो दूर
उसे लौटा दूंगी
स्वीकारूंगी भी नहीं।