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हे स्त्री देवी स्वरूप

हे स्त्री देवी स्वरूप! 

तू शक्ति का एक भंडार है, 

गुणों की खान है, 

प्रेम का एक जीता जागता संसार है। 

तुझसे एक विनती है कि 

लाख विपदा आने पर तू 

जनमानस को भले ही साधारण दिखना लेकिन 

खुद से कभी हारने की और 

स्वयं को कभी कम आंकने की या 

साधारण समझने की कोशिश 

भूल से भी न करना।