इस दुनिया में
रहने वाले लोग अधिकतर
नहीं मिलते लेकिन
इस दुनिया से
विदा हो चुके लोग
एक दिन कहीं न कहीं
किसी न किसी रास्ते पर
किसी न किसी मोड़ पर
अवश्य मिलते हैं
ऐसा इसलिये सम्भव हो पाता है कि
इन लोगों के दिलों में एक दूसरे के प्रति
असीम प्यार होता है
वह एक दूसरे से मिलने की तीव्र इच्छा रखते हैं
एक दूसरे से जुदा होकर भी
एक पल के लिए भी पर
एक दूसरे को भुला नहीं पाते
एक दिवंगत आत्मा को वह
अपनी यादों में जिन्दा रखते हैं
यह एक असम्भव कार्य है
प्रभु को पाने की तरह ही लेकिन
जब हम अपने आराध्य देव की
नित्य प्रतिदिन प्रार्थना करके उनके
दर्शन की अभिलाषा रखते हैं तो
इसमें कैसा आश्चर्य कि हम जो
प्राप्त करना चाहें और
उसके लिए तपस्या करें और
उसकी हमें किसी रोज प्राप्ति न हो सके
प्रेम दिल में गर विराजमान है तो
उस दिल के मंदिर में प्रभु भी
अवश्य बसते हैं
प्रभु की अपने जिस भक्त पर
कृपा होती है
उसका कोई कार्य असम्भव नहीं
चाहे फिर वह किसी पत्थर को
मूर्त रूप देना हो
चाहे तो किसी बेजान वस्तु में
जान डालना हो
चाहे तो अपने प्रियजन
वह चाहे जीवित हों या मृत
उनसे इस दुनिया में या
किसी अन्य दुनिया में
मिलवाना हो
दिल में एक आस का दीया तो
जलता ही रहना चाहिए जो
टिमटिमाता रहे और
मन ही मन बुदबुदाता रहे
इस संकल्प को दोहराता रहे कि
थोड़ा धीरज और धरना
हम जल्द ही फिर मिलेंगे।